Tag: Ravindra Jain


  • इंसाफ का तराज़ू | Insaaf Ka Tarazu | Insaf Ka Tarazu (1980) | hindi lyrics

    इंसाफ का तराज़ू जो हाथ में उठायेजुर्मो को ठीक तोले जुर्मो को ठीक तोले ऐसा न होक कल का इतिहाश्कार बोलेमुरम से भी ज्यादा मुंसिफ ने ज़ुल्म ढायाकी पेष उसके आगे गम की गवाहियां भीराखी नज़र के आगे दिल की तबहिया भीउसको यकीं न आया इंसाफ कर न पायाऔर अपने इस अमल से बढ़कर मुजरिमो…

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  • हैं जो यही प्यार का ट्रेलर | Hai Jo Yahi Pyar Ka Trailor | Insaf Ka Tarazu (1980) | hindi lyrics

    जीजा जी दीदी को देखेदीदी जीजा जी को मैं भूखी प्यासी बैठी हुये नहीं होश किसी कोचुप सालीसाली नहीं सिस्टर-इन-लॉ सिस्टर-इन-लॉहैं जो यहीहैं जो यही प्यार का ट्रेलरतो पिक्चर न जाने क्या होगीहैं जो यही प्यार का ट्रेलरतो पिक्चर न जाने क्या होगीओ हीरो जी हीरोइन जीअब और रिहर्सल जाने दोहैं जो यही प्यार का ट्रेलरतो…

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  • हज़ार ख्वाब हक़ीक़त का रूप ले लेंगे | Hazaar Khwab Haqeeqat Ke Roop | Insaf Ka Tarazu (1980) | hindi lyrics

    हज़ार ख्वाब हक़ीक़तका रूप ले लेंगे हज़ार ख्वाब हक़ीक़तका रूप ले लेंगेमगर ये शर्त है तुममुस्कुरा के हाँ कह दोमुहबतो में है दोनों काएक ही मतलबमोहोबतो में है दोनों काएक ही मतलबऐडा से न कहो यामुस्कुरा के हाँ कह दोहज़ार ख्वाब हक़ीक़तका रूप ले लेंगे हज़ार खवाब बहरोके और सितारों केतुम्हरे साथ मेरीज़िंदगी में आये…

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  • लोग औरत को फ़क़त | Log Aurat Ko Fakat | Insaf Ka Tarazu (1980) | hindi lyrics

    लोग औरत को फ़क़त जिस्म समझ लेते हैंलोग औरत को फ़क़त जिस्म समझ लेते हैं रूह भी होती हैं उसमे ये कहाँ सोचते हैंलोग औरत को फ़क़त जिस्म समझ लेते हैं रूह क्या होती हैं इससे उन्हें मतलब ही नहींवो तो बस तन के तकाजों का कहा मानते हैंरूह मर जाये तोइस हकीकत को समझते…

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