पहला नशा, पहला खुमार
नया प्यार है नया इंतज़ार
कर लूँ मैं क्या अपना हाल
ऐ दिल-ए-बेक़रार
मेरे दिल-ए-बेक़रार तू ही बता
उड़ता ही फिरूँ इन हवाओं में कहीं
या मैं झूल जाऊँ, इन घटाओं में कहीं
एक कर लूँ आसमान और ज़मीन
अब यारो क्या करूँ, क्या नहीं
पहला नशा, पहला खुमार…
उसने बात की, कुछ ऐसे ढंग से
सपने दे गया वो हज़ारों रंग के
रह जाऊँ जैसे में हार के
और चूमे वो मुझे प्यार से
पहला नशा, पहला खुमार…
Movie: जो जीता वही सिकंदर (1992)
Music: जतिन-ललित
Lyrics: मजरूह सुल्तानपुरी
singer: उदित नारायण, साधना सरगम