खुदा भी आसमाँ से जब ज़मीं पर देखता होगा
मेरे महबूब को किसने बनाया सोचता होगा
मुसव्विर खुद परेशां है कि ये तस्वीर किसकी है
बनोगी जिसकी तुम ऐसी हसीं तक़दीर किसकी है
कभी वो जल रहा होगा, कभी खुश हो रहा होगा
खुदा भी आसमाँ से…
ज़माने भर की मस्ती को निगाहों में समेटा है
कली से जिस्म को कितनी बहारों में लपेटा है
हुआ तुमसा कोई पहले न कोई दूसरा होगा
खुदा भी आसमां से…
फ़रिश्ते भी यहाँ रातों को आकर घूमते होंगे
जहाँ रखती हो तुम पाँव, जगह वो चूमते होंगे
किसी के दिल पे क्या गुज़री, ये वो ही जानता होगा
खुदा भी आसमां से…
Movie:धरती (1970)
Music:शंकर-जयकिशन
Lyrics:राजिंदर कृषण
singer:मो.रफ़ी
Music:शंकर-जयकिशन
Lyrics:राजिंदर कृषण
singer:मो.रफ़ी