बादल युँ गरजता है
डर कुछ ऐसा लगता है
बादल युँ गरजता है
डर कुछ ऐसा लगता है
चमक चमक के लपक के
ये बिजली हमपे गिर जायेगी
बादल युँ गरजता है
डर कुछ ऐसा लगता है
चमक चमक के लपक के
ये बिजली हमपे गिर जायेगी
बाहर भी तूफान
अंदर भी तूफान
बिच में दो तूफानों के
ये शीशे का मकान
ऐसे दिल धड़कता है
हो ऐसे दिल धड़कता है
डर कुछ ऐसा लगता है
चमक चमक के लपक के
ये बिजली हमपे गिर जायेगी..
ये दीवानी शाम
ये तूफानी शाम
आग बरसती है सावन में
पानी का है नाम
बस कुछ भी हो सकता है
अरे बस कुछ भी हो सकता है
डर कुछ ऐसा लगता है
चमक चमक के लपक के
ये बिजली हमपे गिर जायेगी..
तौबा हुस्ने यार
बदले रंग हज़ार
शर्म कभी आती है
और कभी आता है प्यार
देखे कौन ठहरता है
अरे देखें कौन ठहरता है
डर कुछ ऐसा लगता है
चमक चमक के लपक के
ये बिजली हमपे गिर जायेगी..
तुम बैठो उस पार
हम बैठे इस पार
आओ अपने बिच बना लें
हम कोई दीवार
दिल फिर भी मिल सकता है
हो दिल फिर भी मिल सकता है
डर कुछ ऐसा लगता है
चमक चमक के लपक के
ये बिजली हमपे गिर जायेगी
बादल युँ गरजता है
डर कुछ ऐसा लगता है
चमक चमक के लपक के
ये बिजली हमपे गिर जायेगी
बादल युँ गरजता है
डर कुछ ऐसा लगता है..
film:betab
singer:shabbir kumar,lata mangeshkar
music:rd burman