अपने होठों की
अपने होठों की बंसी बनाले मुझे
मेरी साँसों में
तेरी साँस घुल जाए
आरज़ू तो हमारी
भी है ये मगर
डर है मौसम
कही न बदल जाए
अपने होठों की
बंसी बनाले मुझे
मेरी साँसों में
तेरी साँस घुल जाए
देखा तुझे
ये कैसा नशा
चली ये कैसी हवा
भूले हम घर
का पता
देखा तुझे
ये कैसा नशा
चली ये कैसी हवा
भूले हम घर
का पता
अब तो नहीं हमसे
होना जुड़ा
अपनी बाहों का
घूँघट ुधा दे मुझे
प्यार की ये न
डोली निकल जाए
आरज़ू तो हमारी
भी है ये मगर
डर है मौसम
कही न बदल जाए
ये तो बता
रखूं ये कमल
ज़िंदगानी है मेरी
रेट का एक महल
ये तो बतारखूं ये कमल
ज़िंदगानी है मेरी
रेट का एक महल
याद जैसे हो कोई अति ग़ज़ल
अपनी रातो का
दीपक बनाले मुझे
ये सुलगती हुई
शाम जल जाए
अपने होठों की
बंसी बनाले मुझे
मेरी साँसों में
तेरी साँस घुल जाए
पास तो आ
ये दिन मर जाने का है
ये दिन कुछ
खो ने का है
ये दिन कुछ
पाने का है हूँ
पास तो आ
ये दिन मर जाने का है
ये दिन कुछ
खो ने का है
ये दिन कुछ
पाने का है
मौसम ये रूठने
मनाने का है
अपने दामन की
खुसबू बनाले मुझे
दिल के सुने में
कोई फूल खिल जाए
आरज़ू तो हमारी
भी है ये मगर
डर है मौसम
कही न बदल जाए
अपने होठों की
बंसी बनाले मुझे
मेरी साँसों में
तेरी साँस घुल जाए.
Movie:Gambler
Singer:Kishore Kumar, Lata Mangeshkar
Music:Sachin Dev Burman
Lyrics:Gopaldas Saxena (Neeraj)