नफरत की दुनिया को छोड़ के
खुश रहना मेरे यार
इस झूठ की नगरी से तोड़ के
खुश रहना मेरे यार
इस झूठ की नगरी से तोड़ के
नाता जा प्यारे
अमर रहे तेरा प्यार
खुश रहना मेरे यार…
जब जानवर कोई इंसान को मारे
कहते हैं दुनिया में वहशी उसे सारे
एक जानवर की जान आज इंसानों ने ली है
चुप क्यों है संसार
खुश रहना मेरे यार…
बस आखिरी सुन ले, ये मेल है अपना
बस ख़त्म है साथी, ये खेल है अपना
अब याद में तेरी बीत जायेंगे रो रो के
जीवन के दिन चार
नफरत की दुनिया को…
Movie:हाथी मेरे साथी (1971)
Music:लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल
Lyrics:आनंद बक्षी
singer:मो.रफ़ी
Music:लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल
Lyrics:आनंद बक्षी
singer:मो.रफ़ी