हाथों में मेहँदी
हाथों में हाथों में मेहँदी
बालो में बालों में फूल
बोल रे मेरे गुद्दे
तुझे गुद्दी कुबुल गुद्दी कुबुल
बागों में कलियाँ
बागो में बागों में कलियाँ
गलियां में गालियां में धूल
बोल री मेरी गुद्दी
तुझे गुद्दा कुबुल गुद्दा कुबुल
कुबूल
आ आ आ आ आ
ला ला ला ला ला ला
आ आ आ आ आ
ला ला ला ला ला ला
गुड़िया है मेरी कच्ची कली सी
गुड़िया है मेरी कच्ची कली सी
मिसरी की मिथि डाली सी
हाय राम मिसरि की मिथि डाली सी
तेरा गुद्दा है ऐसा
गुड्डा है गुड्डा है ऐसा
कैसा है जैसा बाबुल
बोल री मेरी गुद्दी
तुझे गुद्दा कुबुल गुद्दा कुबुल
दुल्हन को देखो न लाज है न दर
दुल्हन को देखो न लाज है न दर
ये भी है शादी की कोई उम्र
ये भी है शादी की कोई उम्र
होती बाबुल के अंगना
बाबुल के बाबुल के
अगना तो जाती जाती स्कूल
बोल रे मेरे गुद्दे
तुझे गुद्दी कुबुल गुद्दी कुबुल
कठपुतली वाले चल खीच ले डोरि
कठपुतली वाले चल खीच ले डोरि
प्रीतम के द्वारे जाती है गोरी
प्रीतम के द्वारे जाती है
सखी बचपन की सखियाँ
बचपन की बचपन की
सखियाँ सखियाँ तू जाइयो ना भूल
बोल री मेरी गुद्दी
तुझे गुद्दा कुबुल गुद्दा कुबुल
हाथों में मेहँदी
हाथों में हाथो में मेहँदी
बालो में बालों में फूल
बोल रे मेरे गुद्दे
तुझे गुद्दी कुबुल गुद्दी कुबुल
बोल री मेरी गुद्दी
तुझे गुद्दा कुबुल गुद्दा कुबुल.
Movie:Uphaar 1971
Singer:Lata Mangeshkar
Music:Laxmikant Pyarelal
Lyrics:Anand Bakshi