नफ़रत करने वालों के सीने प्यार प्यार दूं
अरे मैं वो परवाना हूँ, पत्थर को मोम कर दूं
नफ़रत वालों .. .
(फिर आप क्या हैं? हैं?
आख़िर तो आप फूल हैं, फौलाद नहीं हैं
अजी बुलबुल हैं किसी बाग के, सैय्याद नहीं हैं!)
बुलबुल के तड़पने से सैय्याद पिघलता
है आहों में असर हो तो फौलाद पिघलता है
फौलाद के भी में. उलफत की आग भर दूँ
अरे मैं वो परवाना हूँ …
(शर्म-ओ-हया का परदा दुश्वार नहीं है
अजी हल्का-सा एक है दीवार, दीवार नहीं है!)
आँचल की ये दीवार तो दीवार नहीं हैं
फिर आप के भी दिल में इनकार नहीं हैं
जिन लबों में इकरार उनमें इनकार भर दूँ
अरे मैं वो परवाना हूँ …
(वो हैं we are
जिंदगी कभी साथ में ना छोड़ेंगे,
थामेंगे अगर हाथ तो फिर हाथ ना छोड़ेंगे !!)
हम हाथ ना छोड़ेंगे, से किनारों तक तूफां
we are साथ ना छोड़ेंगे धरती से सितारों तक चाहत
के सितारों से, धरती की मांग भर
नफ़रत नफ़रत करने वालों के …