खंबे जैसी खडी है, लड़की है या छड़ी है
शोला है फुलझड़ी है, पट्टाखे की लड़ी है
आँखों में गुस्सा है, लबों पे गाली है
देखो ज़रा देखो यारों, खुद को समझती है क्या
गोरा गोरा ये बदन, बिजली से बना
४४० वोल्ट है, छूना है मना
इससे तुम टकराओ ना, जान के जान गंवाओं ना
नो नो नो नो नो नो नो
खंबे जैसी खड़ी है…
आई है कॉलेज में पढ़ने के लिए
जब देखो तैयार है लड़ने के लिए
हमने खाई है कसम, तोड़ेंगे इसका गुरुर हम
हा हा हा हा हा हा
खंबे जैसी खड़ी है…
Movie:दिल (1990)
Music:आनंद मिलिंद
Lyrics:समीर
singer:उदित नारायण