खिलते हैं गुल यहाँ, खिल के बिखरने को
मिलते हैं दिल यहाँ, मिल के बिछड़ने को
खिलते हैं गुल यहाँ…
कल रहे ना रहे, मौसम ये प्यार का
कल रुके न रुके, डोला बहार का
चार पल मिले जो आज, प्यार में गुज़ार दे
खिलते हैं गुल यहाँ…
झीलों के होंठों पर, मेघों का राग है
फूलों के सीने में, ठंडी-ठंडी आग है
दिल के आइने में तू, ये समां उतार दे
खिलते हैं गुल यहाँ…
प्यासा है दिल सनम, प्यासी ये रात है
होंठों मे दबी-दबी, कोई मीठी बात है
इन लम्हों पे आज तू, हर खुशी निसार दे
खिलते हैं गुल यहाँ…
Movie:शर्मीली (1971)
Music:एस.डी.बर्मन
Lyrics:नीरज
singer:किशोर कुमार, लता मंगेशकर