दीपक मेरे सुहाग का जलता रहे | Deepak Mere Suhaag Ka Jalta Rahe | Maang Bharo Sajana (1980) | hindi lyrics

दीपक मेरे सुहाग का
जलता रहे जलता रहे

दीपक मेरे सुहाग का
जलता रहे जलता रहे
कभी चाँद कभी सूरज
चाँद सूरज बन के निकलता रहे
दीपक मेरे सुहाग का
जलता रहे जलता रहे
दीपक मेरे सुहाग का
जलता रहे जलता रहे

यह मेरे सांसो के दीपों की माला
यह मेरे सांसो के दीपों की माला
यह मनन के मंदिर की ज्योति की ज्वाला
इस दीप का है मेरा राम रखवाला
इस दीप का है मेरा राम रखवाला
यह मेरे मानन सा मचलता रहे
दीपक मेरे सुहाग का
जलता रहे जलता रहे

दुख पाव पर सुख न पाव मैं अकेली
दुख पाव पर सुख न पाव मैं अकेली
स्वर्ग भी मिलेगा न जाऊँगी मैं अकेली

एक कदम भी न उठाऊं मैं अकेली
साथी मेरा साथ चलता रहे
दीपक मेरे सुहाग का
जलता रहे जलता रहे

छलके कभी न मेरे
मनन की गगरिया
सरके कभी न मेरे
सर से चुनरिया
छलके कभी न मेरे
मनन की गगरिया
सरके कभी न मेरे
सर से चुनरिया

बदले कभी न साजन की नजरिया
बदले जमाना बदलता रहे
दीपक मेरे सुहाग का
जलता रहे
कभी चाँद कभी सूरज
चाँद सूरज बन के निकलता रहे
दीपक मेरे सुहाग का
जलता रहे जलता रहे
दीपक मेरे सुहाग का
जलता रहे जलता रहे.

Movie:Maang Bharo Sajana
Singer:Asha Bhosle, Lata Mangeshkar
Music:Laxmikant Pyarelal
Lyrics:Anand Bakshi

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