जल बिन मछली | Jal Bin Machhli | Jal Bin Machhli Nritya Bin Bijli (1971) | hindi lyrics

मन की प्यास मेरे मन से न निकली
मन की प्यास मेरे मन से न निकली
ऐसे तड़पुं के जैसे जल बिन मछली
ऐसे तड़पुं के जैसे जल बिन मछली
मन की प्यास मेरे मन से न निकली
ऐसे तड़पुं के जैसे जल बिन मछली
हो ऐसे तड़पुं के जैसे जल बिन मछली

पायल आहे भरे घुंगरू
रोये संग संग मेरे
पायल आहे भरे घुंगरू
रोये संग संग मेरे
फिर के पग बेक़रार
बेबस देखो कजरा बहरे
खाली गागर सिर पे सजे
प्यासी जाऊ किसके आगेसबके नयन बिन बर्खा के बदले
ऐसे तड़पुं के जैसे जल बिन मछली
हो ऐसे तड़पुं के जैसे जल बिन मछली

हु मै ऐसी पावैं बंधा जिसको संसार ने
हु मै ऐसी पावैं बंधा जिसको संसार ने
ऐसी झंकार हु घेरा जिसको दिवार ने
सोचा था छू लू गगन में
पद गए बंधन सारे तन में
भाई बेजन मई निरत बिन बिजली
ऐसे तड़पुं के जैसे जल बिन मछली
ऐसे तड़पुं के जैसे जल बिन मछली
मन की प्यास मेरे मन से न निकली
ऐसे तड़पुं के जैसे जल बिन मछली
हो ऐसे तड़पुं के जैसे जल बिन मछली
ऐसे तड़पुं के जैसे

Movie:Jal Bin Machhli Nritya Bin Bijli
Singer:Lata Mangeshkar
Music:Laxmikant Pyarelal
Lyrics:Majrooh Sultanpuri

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